राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था NOTE- English के लिए निचे जाये (73 वें संविधान संशोधन अधि., राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 व पंचायती राज नियम, 1996 के अधीन) भारत में प्राचिन काल, मध्यकाल व वर्तमान काल में किसी न किसी व्यवस्था में पंचायती राज के अवशेष मिलते हैं। ब्रिटीश काल 1880 से 1884 के मध्य लार्ड रिपन का कार्यकाल पंचायती राज का स्वर्ण काल माना जाता है। इसने स्थाई निकायों को बढाने का प्रावधान किया। स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान के भाग -4 में अनुच्छेद 40 में ग्राम पंचायतों के गठन और उन्होंने शक्तियां प्रदान करने की बात की लेकिन संवैधनिक दर्जा नहीं मिला। सवैधानिक दर्जा 73 वें संविधान सेशोधन 1992 से दिया गया। 73 वें संविधान संशोधन द्वारा 24 अप्रैल 1993 को इस संवैधानिक पंचायती राज दर्जे को सम्पूर्ण भारत में लागू किया। प्रत्येक 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। राजस्थान में इसे 23 अप्रैल 1994 से लागू किया गया। भारत में पंचायती राज पंचायती राज एक त्रि-स्तरीय व्यवस्था है: कुल जिले: 33 कुल पंचायत समितियाँ: 295 कुल ग्राम पंचायत: 9892 ज़िलों की औसत ग्राम पंचायते: 300 पं. समित...
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